कोई तुमसे पूछे कौन था मैं
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
एक दोस्त था कच्चा पक्का सा
एक झूठ था आधा सच्चा सा
जज़्बातों को ढांके एक पर्दा सा
एक बहाना था अच्छा सा
जीवन का एक ऐसा साथी था
जो पास होक भी पास न था
कोई तुम से पूछे कौन था मैं
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
हवा का एक सुहाना झोंका था
कभी नाज़ुक तो कभी तूफानों सा
चेहरा देख के जो नज़रें झुका ले
कभी अपना तो कभी बेगानों सा
ज़िन्दगी का एक ऐसा हमसफ़र जो समंदर था
पर दिल को प्यास नहीं
कोई तुम से पूछे कौन था मैं
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता था
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता था
यूँ तो अब उस के न होने का कुछ गम नहीं
पर कभी कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता
यूँ तो रहता है हमारे तस्सवुर में अब भी
पर इन आँखों को अब उस की तलाश नहीं
कोई तुम से पूछे कौन था मैं
तुम कह देना कोई ख़ास नही।
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
एक दोस्त था कच्चा पक्का सा
एक झूठ था आधा सच्चा सा
जज़्बातों को ढांके एक पर्दा सा
एक बहाना था अच्छा सा
जीवन का एक ऐसा साथी था
जो पास होक भी पास न था
कोई तुम से पूछे कौन था मैं
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
हवा का एक सुहाना झोंका था
कभी नाज़ुक तो कभी तूफानों सा
चेहरा देख के जो नज़रें झुका ले
कभी अपना तो कभी बेगानों सा
ज़िन्दगी का एक ऐसा हमसफ़र जो समंदर था
पर दिल को प्यास नहीं
कोई तुम से पूछे कौन था मैं
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता था
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता था
यूँ तो अब उस के न होने का कुछ गम नहीं
पर कभी कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता
यूँ तो रहता है हमारे तस्सवुर में अब भी
पर इन आँखों को अब उस की तलाश नहीं
कोई तुम से पूछे कौन था मैं
तुम कह देना कोई ख़ास नही।
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