Saturday 10 October 2020

Ziddi Sala Dil Kahi Ka Lyrics - Dino James


अपनी मन मर्ज़ी चलाए
ना सुने ये नाशपीटा
ना मरहम दे, ना रहम दे
या तो फ़ीका या है तीखा

कोई तो बताए 
संग रहने का सलीका
गुदगुदाए फिर रुलाए
ज़िद्दी साला दिल कहीं का

मजबूरियां थी ये पगला न जाने
मुझसे खफ़ा है खामखा
ज़ख्मों को भरने में वक़्त लगे है
इतना ना समझे ये मुआ

मैं कैसे मिटाऊं 
जो तकदीर में था लिखा
बरगलाए तिलमिलाए
है इरादा ख़ुदख़ुशी का

मन मर्ज़ी चलाए 
ना सुने ये नाशपीटा
ना मरहम दे, ना रहम दे
या तो फ़ीका या है तीखा

बिखरे वो किस्से, भर के लिफाफे
भेजे पते पे क्यूं पता नहीं लापता
बैचेनियों के ओढ़े लिहाफे
दम घुट रहा है और मैं दम हूं खोजता

नया क्या मैं बताऊं
तू तो जाने सारा किस्सा
या सलाह दे, या सज़ा दे
या तो झूठा दे दिलासा

मन मर्ज़ी चलाए 
ना सुने ये नाशपीटा
ना मरहम दे, ना रहम दे
या तो फ़ीका या है तीखा

कोई तो बताए 
संग रहने का सलीका
गुदगुदाए फिर रुलाए
ज़िद्दी साला दिल कहीं का
ज़िद्दी साला दिल कहीं का।

Lyrics / @DinoJames
YouTube/ #TemptationLuv
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Apni manmarzi chalaye
Na sune ye naashpita
Na maraham de, na raham de
Ya to fika ya hai teekha

Koi to bataye
Sang rahne ka saleeka
Gudgudaye fir rulaye
Ziddi Sala Dil Kahi Ka

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