Sunday, 14 May 2017

Mother's Day Special

ON MOTHERS DAY
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई, मिसेज के आगे मदर रद्द हो गई !बड़ी मेहनत से जिसने पाला, आज वो मोहताज हो गई !
और कल की छोकरी, तेरे सरताज हो गई !
बीवी हमदर्द और मॉं सरदर्द हो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद .........पेट पे सुलाने वाली, पैरों में सो रही !
बीवी के लिए लिम्का, मॉं पानी को रो रही !
सुनता नहीं कोई, वो आवाज देते सो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद .........मॉं मॉजती बर्तन , वो सजती संवरती है !
अभी निपटी ना बुढ़िया तू , उसे उस पर बरसती है !
अरे दुनिया को आई मौत, मौत तेरी कहॉ गुम हो गई !वाह रे जमाने तेरी हद ...........अरे जिसकी कोख में पला, अब उसकी छाया बुरी लगती,
बैठे होण्डा पे महबूबा, कन्धे पर हाथ जो रखती,
वो यादें अतीत की, वो मोहब्बतें मॉ की, सब रद्द हो गई !वाह रे जमाने तेरी हद ...........बेबस हुई मॉ अब, दिए टुकड़ो पर पलती है,
अतीत को याद कर, तेरा प्यार पाने को मचलती है !
अरे मुसीबत जिसने उठाई, वो खुद मुसीबत हो गई !वाह रे जमाने तेरी हद .....

No comments:

Post a Comment